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पसंदीदा रंग और यादें

कहां हो तुम, दिव्या? देखो मैं तुम्हारे लिए क्या ले कर आया हूं।" राज ने घर के अंदर दाखिल होते हुए पुछा।


वही फल सब्जियां लाए होगे और क्या चांद तारे तोड़ कर लाओगे।" दिव्या ने मुंह बनाकर कहा तो राज को सारी बात समझ में आ गई लेकिन तुरंत उसके शरारती दिमाग ने एक युक्ति बना डाली।


"अरे वाह! तुम्हें हमेशा कैसे पता चल जाता है कि मैं क्या लाया हूं? तुम्हें हरा रंग बहुत पसंद है ना इसलिए मैं हर रोज़ हरी सब्जियां ही लाता हूं। कालर चढ़ाते हुए राज ने इतरा कर कहा तो दिव्या ने अपना माथा पीट लिया।


ना जाने क्या सोच कर मैंने तुमसे शादी की थी। पता होता कि पसंदीदा रंग के तोहफे की जगह पसंदीदा रंग की सिर्फ सब्जियां ही मिलेंगी तो काश मैं शादी करने से मना ही कर देती।"दिव्या ने मायूस हो कर सब्जियों वाला थैला उठाया और रसोई की तरफ चली गई। अचानक उसके कानों में खनखन की आवाज पड़ी तो उसने चौंक कर इधर उधर देखा। आवाज तो इसी थैले से आ रही है। दिव्या ने थैले में हाथ डाल कर देखा तो उसे एक पैकेट मिला।" उसने जैसे ही पैकेट खोला तो उसमें हरे रंग की सुंदर सुंदर चुड़ियों का सैट था।


"जन्मदिन मुबारक हो दिव्या!" होंठों पर शरारती मुस्कान लिए राज रसोई के दरवाजे पर पीठ टिका कर खड़ा था। यह देखकर दिव्या खुश होकर बोली " तुम्हें मेरा जन्मदिन याद था तो इतना नाटक क्यों किया।


"मैं और तुम्हारा जन्मदिन भूल जाऊं! यह कभी, वैसे हो भी सकता है।(दिव्या ने आंखें दिखाई) मज़ाक कर रहा हूं। तुम्हारा जन्मदिन मैं कभी नहीं भूल सकता। तोहफा पसंद आया हो तो पहना दूं।" उसकी हाथ की तरफ इशारा करते हुए राज ने पूछा तो दिव्या ने मुस्कुराते हुए अपनी दोनों कलाईयां आगे बढ़ा दी। जैसे ही राज ने उसके हाथ में चुड़ी पहनाई तो अचानक चुड़ी जमीन पर गिर पड़ी। चुड़ी की तरफ देखने के बाद राज ने जब सिर उठाकर सामने देखा तो वहां और कोई भी नहीं था। हकीकत से सामने होते ही उसकी आंखों में ख़ुशी की जगह पर एक दर्द सा छा गया। अपनी आंखों में भरे हुए आंसूओं को रोकने के लिए राज ने अपनी पलकों को बंद कर लिया और बेबस हो कर कटे पेड़ जैसे निढ़ाल हो कर बिस्तर पर गिर पड़ा।


"आखिर क्यों भगवान क्यूं मेरी हस्ती खेलती दुनिया बर्बाद हो गई।"शादी के एक साल बाद ही एक हादसे की वजह से दिव्या मुझे छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चली गई।" भगवान से शिकायत करते करते राज कब नींद की आगोश में चला गया, उसे खुद पता नहीं चला।


समाचार समाप्त!

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10 Comments

Rajeev kumar jha

23-Jan-2023 05:01 PM

Nice

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बेहतरीन

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Satvinder Singh

22-Jan-2023 07:50 PM

धन्यवाद

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Sant kumar sarthi

21-Jan-2023 02:40 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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